(5) बहर मुतदारिक मुरब्बा मजनून
------------------------------------------------------------------------------------------------------एक मिसरा में "फ़अ लुन IIS "दो बार -इस का वज़न और आलाप (आहंग )हिंदी के वर्णिक छंद
"तिलका छंद " के बराबर है
वो गली न रही ,वो हसीं न रहे - IIS IIS, IIS IIS
वो मकां न रहे ,वो मकीं न रहे- IIS IIS, ईस IIS
" अकबर इलाहाबादी "
तिलका छंद
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इस वर्णिक छंद के हर मिसरा में "सगन ,फ़एलूँ IIS" दो बार लेन से 6 अक्षर या
आठ मात्राएँ होती हैं ( IIS IIS )
नोट --------एक मिसरा में दो से अधिक बार भी "सगन" लाया जा सकता है
(6) मालती छंद ( इस छंद के बराबर उर्दू में कोई बहर प्रयोग में नहीं है
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इस वर्णिक छंद का दूसरा नाम "सुमालती छंद "है " इस छंद के हर एक मिसरा में जगन (फ़ऊल ISI ) दो बार ला कर 6 अक्षर या आठ मात्राओं को पूरी करते हैं
करो मत मान ISI ISI
तजो यह बाण ISI ISI
बुरा अभिमान ISI ISI
सुनो मत मान ISI ISI
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