आठ मात्रा की छंद (आठ
हर्फी औज़ान )
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(1)
बहर मुताकारिब मुरब्बा असलम
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फेलुन फेलुन(SS
SS) एक मिसरा में एक बार,इस बहर का वज़न और आलाप (आहंग )हिंदी के वार्णिक छंद “कन्या”के
बराबर है !
कन्या
छंद
ये चार अक्षरों
वाला एक वर्णिक छंद है जिस के हर एक चरण में “मगन”(मफऊलुन SSS)और एक गुरु (फा S)होते
हैं ! (मफऊलुन+फा SSS+S= चार अक्षर= (8 मात्रा)
उर्दू बहर फेलुन SS फेलुन SSके बराबर है
(2) बहर मुताक़रिब मुरब्बा असरम सालमुलआखिर
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फेलो फऊलुन(SI ISS)एक
मिसरा में एक बार ,इस का वज़न और आलाप (आहंग) पंक्ती छंद के बराबर होता है !
पंक्ती
छंद
ये पांच अक्षरों
का एक वर्णिक छंद है-एक “भगन”(फाअलो SII)और दो गुरु फा फा SS के मिलने से ये छंद
बनता है (SII+S+S)=उर्दू बहर(SI ISS)
नोट ---एक मिसरा
में कन्या छंद और पंक्ती छंद मिलाना जाएज़ है
जैसे -----खेले खेले बाग़ में खेले(SS SS,SI ISS)
लरज़िशे मैसे,मौजे बारां(SIISS,SS SS)
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