Sunday 12 July 2015

11 हर्फी ओजान

        गियारा(11) हर्फी ओजान
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बहर रमल मुरब्बा मक्फूफ़ महजूफ़
फाएलातो फाएलुन (SISI SIS )एक मिसरा में एक बार , ये वजन और आलाप (आहंग)हिंदी के समानिका छंद के बराबर है
समानिका छंद
ये सात अक्षरों का एक वर्णिक छंद है ,जिस में एक रगन(फाएलुन)+एक जगन (फऊलो)+एक गुरु(फा)=फाएलातो फाएलुन (SISI  SIS)के बराबर
   उदाहरण --------कंठ कंठ गा उठा  (SISI SIS)
               शून्य शून्य छा उठा ,,     ,,
                सत्यकाम सत्य है  ,,     ,,
                राम नाम सत्य है  ,,     ,,      मैथली शरण गुप्त
बहर मंसरह मुरब्बा मतवी मक्सूफ़
मुफ़्तएलुन फाएलुन (SIIS SIS) एक मिसरा में एक बार ! ये वजन हिंदी के लीला छंद के बराबर है
 लीला छंद
ये सात अक्षरों का एक वर्णिक छंद है – इस में भगन (फाएलो SII )+तगन (मफऊलSSI )+गुरु (फा S )
की तरतीब से सात अक्षर या 11 मात्राएँ होती हैं
(फाएलो + मफऊलो + फा )=(मफतएलुन फाएलुन  SIIS SIS )
 उदाहरण ------भाग्य नहीं मानिये   SIIS SIS
            यत्न सदा ठानिये    SIIS SIS
  अहीर छंद
ये 11मात्राओं का छंद है . स छंद में हर पाद या मिसरा के आखिर में “जगन” (फऊल )होता है !
बाबू मैथली शरण गुप्त ने इस छंद के पुरातन काल के वर्नित वजन और आलाप को प्रयोग क्या है
उदाहरण ------------सुरभित मंद बयार
               सर से सुमन सुडार
               गूंज रहे मध कार
                धन्य बसंत बहार
               SI ISI ISI ==11 मात्राएँ      बाबू मैथली शरण गुप्त
लेकिन सुमित्रा नन्दन पन्त ने इस छंद में एक नये आलाप का तजरुबा किया है
      जगे तरु ,पंटर सकल    फऊलुन  मफ़तएलुन ISS SIIS
      खगों की , भीरु कल    फऊलुन  मफ़तएलुन ISS SIIS
      पवन में ,गीत नवल     फऊलुन  मफ़तएलुन ISS SIIS
      गगन में ,गीत चपल     फऊलुन  मफ़तएलुन ISS SIIS
        5     3    3 =11 मात्राएँ
      बहरे रजज़ मुरब्बा मखला मुत्वी      फऊलुन  मफतएलुन ISS SIIS
                  हंसमाला छंद
   हर चरण में सगन (फएलुन IIS)+रगन (फाएलुन SIS)+(गुरु फा S )की तरतीब से सात अक्षर या
   11 मात्राएँ होती हैं  
 
 बहरे मुतदारिक मुसद्दस मजनून सालम मह्जूज़ =फेलुन फाएलुन फा (SS SIS  S )
बहरे मुतदारिक मुरब्बा मजनून मुरफ्फल =फेलुन फाएलातुन  (SS  SISS )

              11 हर्फी ओजान समाप्त    

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