Sunday 5 July 2015

आठ हर्फी ओजान

(6)  बहर मुतकारिब मुरब्बा मकबूज़ असलम
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एक मिसरा में “फ़ऊल फेलुन  ISI  SS”एक बार
 जहाँ में कोई        ISI SS
 नहीं किसी का       ISI SS
 खुदा सभी का       ISI SS
 खुदा सभी का       ISI SS
इस वज़न और आहंग को हिंदी के वर्णिक छंद “यशोदाछंद” के बराबर
समझा जाय

यशोदा छंद
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इस वर्णिक चंद के हर एक मिसरा में जगन (फऊल)+गुरु गुरु की तरतीब से  5 अक्षर आठ मात्राओं के बराबर होते हैं !
  जगो गोपाला     ISI  SS
  सभोर कला      ISI  SS
  कहे यशोदा      ISI  SS
  लहे प्रमोदा      ISI  SS
     आठ हर्फी ओजान  समाप्त हुए

                              गौहर जमाली 

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