10 हरफी औज़ान
बहर मुतदारिक
मुरब्बा सालम
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फाएलुन फाएलुन एक मिसरा
में एक बार ! इस बहर का वज़न और आहंग(आलाप)”विमोहा “और
“दीप”छंदों के समान है !
विमोहा छंद
ये 6 अक्षरों का एक
वर्णिक है जो “ रगन “ SIS को दो बार लाने से बनता है !
धर्म को धारणा SIS SIS
मोक्ष की कामना SIS SIS है न एको जिसे SIS SIS
व्यर्थ जानो उसे SIS
SIS ( फाएलुन फाएलुन )
दीप छंद
ये विमोहा छंद का मात्राई
रूप है ,इस में दो “रगन”रखने से 10 मात्राएँ पूरी हो जाती हैं !
बहर
मुतकारिब मुरब्बा सालम
इस बहर में ,एक
मिसरा में “फ़ऊलुन” दो बार ISS ISS लाया जाता है !इस बहर का वज़न और आहंग (आलाप )
सोमराजी छंद के बराबर है
सोमराजी छंद
इस का दूसरा नाम
“शंखनारी”छंद भी है ! इस छंद के हर एक मिसरा में दो यगण (फ़ऊलुन ISS)की तरतीब से
6 अक्षर 10 मात्राओं के बराबर होते
अम्बा छंद
इस वर्णिक छंद के
हर एक मिसरा में “भगन+मगन (फाएलो +मफऊलुन SII +SSS )की तरतीब से 6 अक्षर 10
मात्राओं के बराबर होते हैं !
बहर बसीत
मुरब्बा मतवी म्क़्तूअ
मफतएलुन+फेलुन
SIIS+SS एक मिसरा में एक बार ! अम्बा छंद के बराबर है !
तपी छंद
इस वर्णिक छंद के हर मिसरा में भगन फाएलो
+भगन फाएलो +गुरु फा=SII+SII+S की तरतीब से 7 अक्षर या 10मात्राएँ होती हैं
मफतएलुन+फेलुन SIIS + SS एक मिसरा में एक बार बहर कामिल मुरब्बा म्हज़ूल मह्ज़ूज़
का वजन और आहंग है
सुमाला छंद
हर एक मसरा में सगन (फएलुन)+सगन(
फएलुन)+गुरु (फा )की तरतीब से सात अक्षर या 10 मात्राएँ होती हैं
( IIS+ IIS+S =१०)
नोट ---फएलुन फएलुन+फा (IIS IIS S ) बहर मुतदारिक मुसद्दस मखबून मह्ज़ूज़ का वज़न
और आहंग है
सम्मोहा छंद
इस
छंद के हर एक मिसरा में “मगन”+गुरु गुरु (मफऊलुन SSS +गुरु गुरु फेलुन SS )की तरतीब से 5
अक्षर या 10 मात्राएँ होती हैं
बहर मुज़ारा
मुरब्बा अखरब महजूफ
मफऊल फाएलुन (SSI SIS) एक मिसरा में एक बार
10 हर्फी ओजान समाप्त हुए
गौहर जमाली
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